नमामीशमीशान निर्वाणरूपंविभुं व्यापकं ब्रह्म वेदस्वरूपं।निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहंचिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहं।। १।। निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयंगिरा ग्यान गोतीतमीशं गिरीशं।करालं महाकाल कालं कृपालंगुणागार संसारपारं नतोऽहं।। २।। तुषाराद्रि संकाश गौरं गभीरंमनोभूत कोटि प्रभा श्री शरीरं।स्फुरन्मौलि कल्लोलिनी चारु गंगालसद्भालबालेन्दु कंठे भुजंगा।। ३।। […]
Month: August 2020
आदि शंकराचार्य विरचित “श्रीकृष्णाष्टकम्”
भजे व्रजैकमण्डनं समस्तपापखण्डनंस्वभक्तचित्तरञ्जनं सदैव नन्दनन्दनम्।सुपिच्छगुच्छमस्तकं सुनादवेणुहस्तकंअनङ्गरङ्गसागरं नमामि कृष्णनागरम्।। १।। मनोजगर्वमोचनं विशाललोललोचनंविधूतगोपशोचनं नमामि[…]