
शरीर में उत्पन्न होने वाले विभिन्न वेगों को न रोकें ऐसा आयुर्वेद बार-बार कहता है।फिर भी लोग किसी न किसी कारण से उन वेगों को रोकते हैं और गंभीर बीमारियों को उत्पन्न होने का रास्ता साफ करते हैं ।आज यह जानना आवश्यक है कि आयुर्वेद के अनुसार किन-किन शारीरिक वेगों को नहीं रोका चाहिये? उनके रोकने से क्या – क्या गंभीर हो सकता है?
न रोकने योग्य वेग:-
1. अपानवायु अर्थात् गैस निकालना/पाद
2. मल-मूत्र का वेग
3. छींक कभी भी नहीं रोकनी चाहिये।
4. प्यास
6. नींद
5. भूख
7. खाँसी
8. परिश्रम करने पर चलने वाली तेज साँस
9. जम्हाई/जँभाई/जृम्भा/ yawn
10. आँसू
11. उल्टी की इच्छा/वमन की इच्छा
12. शुक्र का वेग
इन शारीरिक वेगों को रोकने से विभिन्न रोग हो सकते हैं । कुछ रोग बहुत गंभीर हो सकते हैं ।अतः इनको यथासंभव नहीं रोकना चाहिये।